अमेरिकी महाद्वीप के बाद अब भारतीय उपमहाद्वीप में पशुओं के पोष्टिक चारे के विकल्प के रुप में कैक्टस की खेती प्रचलित हो सकती है......नागफनी की
एक प्रजाति जिसे (Opuntia ficus) कहा जाता है इसमें कांटे नहीं होते और यह नागफनी मवेशियों के लिए नये चारे के रूप में तेजी से प्रचलित हो
रही है...खाश बात यह है कि यह नागफनी कम वर्षा वाले इलाकों में आसानी से उगाई जा सकती है....
भारत में आज भी कृषि भूमि का बड़ा हिस्सा मानसून पर निर्भर है....और कम वर्षा होने की स्थिति में किसानों के पास बहुत ही कम विकल्प नजर आते है....कृषि
के आलावा किसानों के जीवन यापन का साधन पशु पालन ही होता है एसे में पशु चारा के रुप में अगर (Opuntia ficus) नागफनी की खेती की जाए
तो मउशिकलों से जूझते किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है... (Opuntia ficus) नागफनी की खेती को प्रयोग के तौर पर मध्य प्रदेश के दतिया
जिले में किया जा रहा है...और कृषि विज्ञान केंद्र के फार्म पर इसे देखा जा सकता है....जैसे जैसे किसानों को इसके बारे में पता चल रहा है देश प्रदेश से कृषक इसकी खेती को देखने पहुंच रहे हैं....नागफनी की बिना कांटेदार प्रजाती मेक्सिको में लोकप्रिय है....इस कैक्टस
(Opuntia ficus) के फलों से जैम और जैली बनाई जाती है....अब यह संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील में भी पशुओं के चारे के लिये नये विकल्प के
रुप में देखी जा रही है
इस कैक्टस (Opuntia ficus) के लाभ इसप्रकार हैं:• कैक्टस (Opuntia ficus) खेती के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है।
• कैक्टस (Opuntia ficus) मवेसियों को जरूरत के मुताबिक, स्वादिष्ट और पौष्टिक हरा चारा प्राप्त होता है।
• कैक्टस (Opuntia ficus) का पूरा पौधा हरे चारे के रुप में इस्तेमाल किया जा सकता है
• कैक्टस (Opuntia ficus) में भरपूर मात्रा में विटामिन A और पानी में घुलनशील कार्बोहाइड्रेट होता है।
• कैक्टस (Opuntia ficus) पानी का एक उत्कृष्ट स्रोत है क्योंकि इसमें 90% पानी ही होता है।
• कैक्टस (Opuntia ficus) हर तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है। साथ ही मृदा क्षरण को भी रोकता है
भारत में पशुधन के लिए वैकल्पिक चारा बना नागफ़नी