छतरपुर जिला अस्पताल में एक मानसिक रोगी ने डॉक्टर के चैंबर में बैठकर कई लोगों का इलाज कर दिया एक दर्जन से ज्यादा लोगों के टेस्ट करके परचे पर दवा भी लिख दी , अस्पताल प्रबंधन को इस बारे में पता लगा तो हड़कंप मच गया बात फैलने के बाद स्टाफ ने उस मानसिक रोगी को चैंबर से बाहर निकाला और अस्पताल ने अलर्ट जारी कर दिया ,जिला अस्पताल में ओपीडी के समय भीड़ लगी हुई थी और सारे डॉक्टर मरीजों को देखने में व्यस्त थे तभी चैंबर नंबर 20 में मरीजों की लाइन लग गई, जबकि इसमें बैठने वाले डॉक्टर हिमांशु बाथम सीट पर नहीं थे इतने में लोगों ने देखा कि अंदर कोई शख्स बैठा मरीज देख रहा है, दवाइयां लिख रहा है देखते-देखते दर्जन भर से ज्यादा मरीज उसने निपटा दिए ,सरकारी मेडिकल स्टोर में जब एक के बाद एक लाल पेन से लिखे पर्चे आने लगे तो स्टोर पर मौजूद अनूप शुक्ला को शक हुआ उन्होंने दवाइयां लिखने वाले डॉक्टर का चैंबर नंबर पूछा और खुद जाकर देखा तो पता चला कि मानसिक रोगी व्यक्ति मरीजों की जांच कर रहा है उसे पकड़कर बाहर किया गया ,मरीज परेशान थे, डॉक्टर नहीं था इसलिए कर दिया इलाज मानसिक रोगी ने खुद को दिल्ली एम्स का डॉक्टर बताया ,इलाज करने बाले व्यक्ति से पूछा गया कि गलत दवाएं क्यों लिखीं तो इस पर उसने कहा कि 100 परसेंट गारंटी लेता हूं, चेक करा लीजिए ,ओपीडी में बैठने के सवाल पर उसने कहा कि पेशेंट परेशान हो रहे थे, चैंबर खाली था तो मैंने इलाज शुरू कर दिया ,मानसिक रोगी शख्स इस दौरान फर्राटेदार इंगलिश में बात कर रहा था
मामला सामने आने के बाद जिला कलेक्टर मामले की गहराई से जांच कराने की बात कह रहे है साथ ही उन्होंने कहा इसमें जिसकी लापरवाही होगी उस पर कार्यवाही की जाएगी ।