एमपी के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि चीफ सेकेट्री ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के खिलाफ जो कहा इस प्रकार का उदारहण मध्यप्रदेश में कभी देखने को नही मिला। यह घोर निंदनीय है। अधिकारी यह समझे कि सरकारें बदली रहती है, आती जाती है लेकिन उन्हें अपने कर्त्तव्य पथ, कार्यप्रणाली, अपने आचरण और जिस संविधान की व्यवस्थाओं के अनुरूप वो बंधे हुए है उनसे उन्हें परे नही हटना चाहिए। अन्यथा प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमरा जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने स्वयं न बोलते हुए मुख्यसचिव को आगे किया।
मुख्य सचिव द्वारा जिस तरीके से प्रदेश सरकार की चरण वंदना की गई यह घोर निंदनीय है। उन्होने कहा कि मध्य प्रदेश के अधिकारी चाहे वह चीफ सेक्रेटरी हो या कलेक्टर हो या अन्य अधिकारी वह अपना आचरण सुधारें। राजगढ़ में थप्पड़ कांड की घटना और अन्य जगह प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा गलत काम इसीकारण हुए है। अगर टॉप ब्यूरोक्रेट्स इस प्रकार का आचरण करेंगे तो छोटे अधिकारियों में गलत परंपरा शुरू होगी जिसके परिणामस्वरूप कलेक्ट्रेट, मुख्य सचिव का कार्यालय और वल्लभ भवन सभी सरकारी दफ्तर कांग्रेस कार्यालय बन जाएंगे। फिर यहां पर कांग्रेस भवन या इंद्रा भवन के रहने की आवश्यकता नही है। वल्लभ भवन मंत्रालय में कांग्रेस पार्टी अपना कार्यालय खोलकर चलायें। मुझे इस पर कोई आपत्ति नही है। लेकिन विधिवत बोर्ड लगाकर और घोषित रूप से चलाए