मुरैना। यह किसी सर्कस का करतब नहीं बल्कि कोरोना पर लॉक डाउन के दौरान घर लौटने की जुगत है। चंबल नदी के उसैदघाट पर बने पांटून पुल के पट्टे व गर्डर आवागमन रोकने के लिए उप्र सरकार ने उखाड़वा दिए हैं। ऐसे में लाग पीपों के कुंदों से रस्सी बांधकर सर्कस के कलाकारों की तरह सिंगल रस्सदी पर चलकर नदी पार कर रहे हैं। ऐसे में संतुलन बिगड़ा तो सीधे मौत से साक्षत्कार होगा। क्योंकि चंबल में करीब 2000 घडिय़ाल और 500 से ज्यादा मगर स्वच्छंद विचरण करते हैं। इसे रोकने के लिए नदी घाट पर कोई प्रबंध नहीं हैं।
कोरोना ने सर्कस के करतब कराये