अंतराष्ट्रीय वन मेला आ रहा लोगों को पसंद

 



राजधानी भोपाल में 10 वे अंतर्राष्ट्रीय वन मेला 2024 का आयोजन किया जा रहा है.जिसके उद्घाटन समारोह में सीएम डॉ मोहन यादव , राज्यपाल मगूभाई पटेल के साथ वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे. महिला सशक्तिकरण को लेकर वन मेले की थीम रखी गई है.मेले में करीब 300 स्टाल लगाए गए हैं.जहां प्रदेश के विभिन्न जिलों के आयुर्वेद से संबंधित उत्पाद और प्रॉडक्ट रखे गए हैं.चलिए सबसे पहले आपको हम आपको ले चलते हैं प्रदर्शन क्षेत्र की ओर..जहां आयुर्वेद में प्लांट के महत्व और उनकी जानकारी दी गई है. विंध्य हर्बल की वैज्ञानिक डॉ सुमन मिश्रा ने बताया कि मेले में हर तरह के हर्बल प्लांट को लेकर प्रदर्शनी लगाई गई है. और उनसे संबंधित हर्बल पौधों के उपयोग के बारे में बताया गया है। आपको बता दें लघु वनोपज संघ आधारित इस वन मेले की खूबसूरती बढ़ाते है.विंध्या हर्बल के प्रोडक्ट्स.जहां बीमारी को जड़ से समाप्त करने और मरीजों को बेहतर इलाज के लिए  आयुर्वेदिक दवाईयों का संग्रहण है। ये दवाइयां बनती है आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से।



विंध्य हर्बल प्रोडक्ट्स की खास बात यह है कि एमएफपी पार्क द्वारा निर्मित किया जाता है। जहां विषय विशेषज्ञों दवाईयों की क्वालिटी पर ध्यान देते है। यहां च्यवनप्राश , अश्वगंधा , ग़ुगुल, सीतोपलादि चूर्ण, शहद , अर्जुन चाय के साथ तमाम आयुर्वेदिक दवाईयों उच्च गुणवत्ता और वाजिब दर पर मिलती है। मेले के दौरान 20% की विशेष छूट भी दी जा रही है। मेले में आयुर्वेदिक दवाईयों के अलावा कॉस्मेटिक के भी विभिन्न प्रोडक्ट्स की उपलब्धता है। वन मेले में  बम्बू यानि बांस से बने हुए घरेलू सामान और खिलौने है।लकड़ी के  खिलौनों की खूबसूरती अलग ही देखते बनती है। खिलौनों में आप कला कृति भी साफ तौर पर देख सकते हैं। लकड़ी की कुर्सियां, पक्षी और वन जीव प्राणी के रूप में ढाला गया है। कॉस्मेटिक ऐसा जो आपके शरीर को नुकसान न पहुंचाएं।  

कृतिका हर्बल स्टॉल में एलोवेरा , फेसवॉश, आयुर्वेदिक साबुन , तेल सहित कई प्रोडक्ट्स के साथ गोबर के गणेश और गौ मूत्र भी उपलब्ध है। जो अपने आप में अनूठी चीज है।कई शोधों में गौ मूत्र को दवाई के तौर पर मान्यता मिली है। प्रवीण शुक्ला ने बताया कि सभी हर्बल प्रोडक्ट्स है। और ये हर वर्ष मेले में अपना स्टॉल लगाते है। मेले में लोगों का अच्छा रेस्पॉन्स भी मिल रहा है। इसके साथ ही कृतिका हर्बल को सीएम डॉ मोहन यादव के एक कार्यक्रम में सम्मान भी मिल चुका है। अंतराष्ट्रीय वन मेले का आयोजन हर वर्ष किया जाता है । यहां राजस्थान , उत्तर प्रदेश , छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों के  भी आयुर्वेद सम्बंधित स्टॉल लगाए गए हैं । आयुर्वेदिक लड्डू और ड्राई फूड की बात ही कुछ अलग है। ड्राई फूड से बने  प्रोडक्ट्स सहसा ही जनता को अपनी ओर खींच लेते है। स्वाद और पौष्टिकता  से भरे लड्डुओं के साथ हर तरह के आचार , घरेलू खाने पीने की चीजें सब मेले में मिलती है। यही नहीं वन मेले में आयुर्वेदिक डॉक्टर और और अनुभवी वैद्य आपको फ्री सेवा दे रहे हैं ।  



करीब 50 आयुर्वेदिक डॉक्टर और वैद्य निः शुल्क चिकित्सा परामर्श की सेवाएं दे रहे हैं। डॉ संजय शर्मा की माने तो आयुर्वेद बीमारी को जड़ से समाप्त करने का प्रयास रहता है। पुरानी से पुरानी बीमारियों और कठिन से कठिन रोगों का इलाज आयुर्वेद पद्धति से किया जाता है। पंचकर्म , जलौका ऐसी बहुत सारी आयुर्वेद में पद्धतियां है जिनसे इलाज सम्भव है। मेले में निः शुक्ल चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जहां आपको आपकी बीमारी से निजात दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। लोग नाड़ी वैद्य सहित आयुर्वेदाचार्यों से निः शुल्क चिकित्सा परामर्श ले रहे है।

अंतराष्ट्रीय वन मेले का लुफ्त उठाने शहर के लोग लाल परेड ग्राउंड पहुंच रहे है। हालांकि हर वर्ष वन मेले का आयोजन किया जाता है ।जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता है।लोग यहां से आयुर्वेदिक दवाईयों के साथ अपने हर काम की वस्तुएं देख और खरीद रहे है। अंतराष्ट्रीय वन मेले का आयोजन 17 से 23 दिसम्बर तक किया जाना है.।जहां व्यापारियों को खरीददार मिलते है और खरीददार को उनके काम की वस्तुएं। 

डॉक्टर , वैद्य , कई जिलों के प्रोडक्ट्स के साथ ड्राई फूड और बांस के बने समान भी शामिल है।इस वन मेले का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है। तो एक बार अंतर्राष्ट्रीय वन मेले में जाकर आप भी इसका लुफ़्त उठा सकते है। मनोरंजन , फूड जोन, बच्चों के खेलने के साथ हर सुविधा का लाभ ले सकते हैं। मेडिकल कॉलेज , विदेश से आए व्यापारियों ने भी अपने स्टॉल लगाए हैं।

सत्यम शर्मा, भोपाल।