श्रद्धालु लगाएंगे गंगा मैया में आस्था की डुबकी
सत्यम शर्मा, संपादक
भोपाल।महाकुंभ मेला 2025 प्रयागराज में 13 जनवरी, 2025 से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात में प्रयागराज के महाकुंभ का विशेष जिक्र किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ की जबरदस्त तैयारी चल रही है। कुछ दिन पहले वह प्रयागराज गए थे। वहां हेलीकॉप्टर से महाकुंभ मेला क्षेत्र की विशालता को देखे थे। बोले, दिल प्रसन्न हो गया। विशाल, सुंदर और भव्यता देख मुग्ध हो गए। लगभग चार मिनट तक अपनी बाते सामने रखीं। उन्होंने कहा महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश का मंत्र सभी लोग आत्मसात करें।
- प्रयागराज महाकुंभ होगा भव्य
- यह एकता का महाकुंभ :PM
- श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी
- सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया नियंत्रण
- महाकुम्भ की है भव्य तैयारियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गंगा की अविरल धारा, न बटे समाज हमारा पर देशवासी चलें।महाकुंभ की विशेषता इसकी विशालता ही नहीं, बल्कि विविधता भी है। महाकुंभ के आयोजन में करोड़ों लोग शामिल होने जा रहे हैं। लाखों संत होंगे, हजारों परंपराएं, अनेकों अखाड़ों आ रहे हैं, जो अनेकता में एकता का दृश्य दिखेगा, जो पूरे विश्व में कहीं और नहीं। उन्होंने कहा कि यह एकता का महाकुंभ है, जो एकता के मंत्र को सशक्त करेगा। उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि महाकुंभ में जाएं तो एकता का संकल्प लेकर ही लौटें।
साइबर पेट्रोलिंग के जरिए श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों को साइबर अपराध से बचाया जाएगा। महाकुंभ के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी करने की घटनाओं के बीच साइबर अपराधियों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए भी जरूरी उपाय किए जाने की बात कही गई।
सीएम योगी ने विशिष्ट अतिथियों को महाकुंभ के लिए आमंत्रित किया है। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद समेत कई बड़े नेताओं को निमंत्रण देने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी के पास पहुंचे।सीएम योगी गृहमंत्री अमित शाह और फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। शिष्टाचार भेंट के साथ ही सीएम योगी ने सभी विशिष्टजनों को महाकुम्भ से संबंधित उपहार भी भेंट किए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ के लोगो वाला प्रतीक चिन्ह महाकुम्भ की पहचान का प्रतीक कलश महाकुम्भ संबंधी वस्तुएं भेंट की।
स्थल का उत्सव सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति की ज्योतिषीय स्थितियों के एक अलग सेट पर आधारित है। उत्सव ठीक उसी समय होता है जब ये स्थितियाँ पूरी तरह से व्याप्त होती हैं, क्योंकि इसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र समय माना जाता है। कुंभ मेला एक ऐसा आयोजन है जो आंतरिक रूप से खगोल विज्ञान, ज्योतिष, आध्यात्मिकता, अनुष्ठानिक परंपराओं और सामाजिक-सांस्कृतिक रीति-रिवाजों और प्रथाओं के विज्ञान को समाहित करता है, जिससे यह ज्ञान में बेहद समृद्ध हो जाता है।
कुंभ मेले में सभी धर्मों के लोग आते हैं, जिनमें साधु और नागा साधु शामिल हैं, जो साधना करते हैं और आध्यात्मिक अनुशासन के कठोर मार्ग का अनुसरण करते हैं, संन्यासी जो अपना एकांतवास छोड़कर केवल कुंभ मेले के दौरान ही सभ्यता का भ्रमण करने आते हैं, अध्यात्म के साधक और हिंदू धर्म का पालन करने वाले आम लोग भी शामिल हैं।
कुंभ मेले के दौरान अनेक समारोह आयोजित होते हैं; हाथी, घोड़े और रथों पर अखाड़ों का पारंपरिक जुलूस, जिसे 'पेशवाई' कहा जाता है, 'शाही स्नान' के दौरान चमचमाती तलवारें और नागा साधुओं की रस्में, तथा अनेक अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां, जो लाखों तीर्थयात्रियों को कुंभ मेले में भाग लेने के लिए आकर्षित करती हैं।
चलिए जानते हैं महत्वपूर्ण त्यौहार तिथियां
पौष पूर्णिमा 13-01-2025/सोमवार , मकर संक्रांति 14-01-2025/मंगलवार, मौनी अमावस्या (सोमवती) 29-01-2025/बुधवार, बसंत पंचमी
03-02-2025/सोमवार, माघी पूर्णिमा
12-02-2025/बुधवार, महाशिवरात्रि
26-02-2025/बुधवार.... सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रयास से 2025 का महाकुंभ हमेशा याद किया जाएगा। दुरुस्त व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं के आने की तैयारी व्यवस्थित ढंग से की जा रही । जो आने वाले अगले महाकुंभ के लिए एक रूप रेखा बनेगी।